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Archive for January, 2024

Saath (2023)

साथ (2023)

कहते हैं वोह के हम उनके साथ नहीं
पर हमारी मंज़िल तो हैं वोह
कहीं सोच बदली तो कहीं बदले ख़यालात
पर फासले तो अंदर से मिटें हैं

कभी मुस्कुरा दिए तो कभी हुए नाराज़
पर हमारी नज़रों में तो अब भी हैं वोह
ज़िन्दगी का दायरा है शायद बदल लिया
पर हमारा तो है आज भी वही आगाज़

कभी फिर से मांगो मेरा हाथ
हम तुमसे दूर नहीं
कल आज और कल में बदली हैं ज़िन्दिगियां
पर हम फिर भी होंगे उनके साथ

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