मेरी माँ (1988)
हर्षा देती है मेरी माँ
उत्साहित करती है मेरी माँ ।
हँसी – हँसी मे प्रस्तुत है वोह
ख़ुशी – ख़ुशी मे है वोह ।
निराशा को आशा में बदल देती है
मेरे लिए तो देवी का रूप धारण कर लेती है ।
खाती है , खिलाती है , हमेशा खुशियाँ लाती है
सारे घर को उत्साह देती है वोह ।
सारी खुशियाँ उसी से आईं
नहीं तो घर मे उदासी छाई ।
सदा प्रेम बच्चों से करने वाली
वो देवी आसमान से उतर कर आई ।।
dedicated to my mother, forever!
@kanchan