It’s been two years since I published anything.
I will be back soon… December 29, 2019
Happy New Year!
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September 23, 2017 by Ash
For my lovely Aarya on her first birthday!
आज सवेरा कुछ अद्भुत सा है
ना पंछियों की चह चाहट है
ना ही आसमां में रंग है
फिर भी ज़हन में नया आगाज़ है
मैं उठ चला ढूढ़ने कुछ
पर मालूम नहीं वोह है क्या
इधर उधर झाँक लिया सवेरा
पर ओझल सा है फिर भी सब कुछ
खिल खिलाहट सी है अब कोई सुनाई दी
कुछ इतरन सी महसूस हो रही हवाओं में
हलके से कदमों की आहट है आने लगी
और दो धड़कने सुर हैं मिलाने लगी
देखते ही समां अब बदल सा गया
उत्साह से पंछी हैं चहक रहे , रंगों में नए रंग हैं
सुनहरे फूलों से बिछी है उसकी राह
मेरी ज़िन्दगी बनकर आ रही है आर्या
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September 15, 2017 by Ash
अभी आँखे खोली हैं मैंने
लम्बे दौर के बाद हूँ जागा
ओझल सा है नज़ारा सामने
एक नए समय में अभी नहीं तकाज़ा
कल तक था मैं चल रहा अकेले
अब कई मुसाफिर हैं साथ मेरे
कल तक मैंने थी एक राह बनाई
अब कई राहें हैं सामने मेरे
मैं उठ रहा हूँ इस दौर से
दस्तक देता नए दरवाज़ों पर
एक हाथ से थामा है आज को
और निगाहें हैं आगाज़ों पर
कुछ दीवारें अभी बनी नहीं
इमारतें भी नयी पुरानी हैं
दूर तलक देख रहा हूँ अब
कल की झलक अभी रूहानी है
आँख अब सो सकती नहीं
मंज़र नज़र आने सा लगा है
हाथ खोल समेट रहा हूँ यह क्षण
यह नया दौर मुझे अपनाने लगा है
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